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गूगल नहीं हटाएगी सामग्री

नवीन : इंटरनेट पर आपत्तिजनक सामग्री की निगरानी को लेकर जारी विवाद के बीच नामी सर्च पोर्टल गूगल ने अपनी पारदर्शिता रिपोर्ट में जनवरी 2011 से लेकर जून 2011 के बीच सरकार की ओर से सामग्री हटाने की सिफारिशें जारी की हैं। गूगल ने बताया है कि इस अवधि में सरकार ने उससे 358 आइटम और 68 कंटेंट हटाने की मांग की थी, जिसमें से कंपनी ने 51 फीसदी मांगों को आंशिक या पूरे तौर पर मान लिया था।
गूगल ने बताया, 'राज्य और स्थानीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने हमसे सामाजिक नेताओं के विरोध में प्रदर्शन, आपत्तिजनक भाषा वाले वीडियो यू ट्यूब से हटाने के लिए कहा था। हमने इनमें से ज्यादातर वीडियो हटाने से मना कर दिया था और महज उन्हीं वीडियो को हटाया था, जिनके कारण समुदायों में रंजिश बढऩे की आशंका थी।
दरअसल संचार मंत्री कपिल सिब्बल ने गूगल और फेसबुक जैसी सोशल नेटवर्किंग वेबसाइटों से आपत्तिजनक सामग्री की अपलोडिंग रोकने के लिए कदम उठाने को कहा है। इन साइटों पर देवी देवताओं और वरिष्ठï राजनेताओं के आपत्तिजनक चित्रण से चिंतित सरकार ने साफ किया कि इंटरनेट पर संवेदनाओं को भड़काने वाली सामग्री स्वीकार्य नहीं है। सिब्बल ने कहा कि सरकार प्रेस में हस्तक्षेप नहीं करना चाहती है लेकिन साइट्स के सहयोग नहीं करने पर सरकार को कदम उठाने पड़ेंगे। सिब्बल का यह बयान इंटरनेट पर कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बारे में आपत्तिजनक सामग्री डाले जाने के बाद आया है। गूगल की रिपोर्ट के अनुसार यूट्यूब और ऑरकुट पर मौजूद 255 आइटमों को हटाने की मांग की गई थी क्योंकि इनमें सरकार की आलोचना की गई थी जबकि राष्टï्रीय सुरक्षा के कारण गूगल मैप्स से एक आइटम हटाया गया था।
फेसबुक ने कहा, 'हम समझते हैं कि सरकार ऑनलाइन पर मौजूद आपत्तिजनक सामग्री हटाना चाहती है लेकिन हम वही सामग्री हटाएंगे, जो हमारे मानकों पर खरी नहीं उतरती है।Ó गूगल ने कहा, 'अगर कंटेट कानूनी है लेकिन हमारे मानकों पर खरा नहीं उतरता है, तो हम उसे हटा देते हैं। लेकिन कंटेट कानूनी रूप से वैध होने के साथ ही विवादास्पद भी है, तो हम उसे नहीं हटाते क्योंकि लोगों के अलग अलग नजरिये का सम्मान भी करना चाहिए।

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